कृष्ण की व्यथा
वीरेन्द्र बहादुर सिंहक्या कृष्ण की कोई व्यथा नहीं थी?
उनकी पीड़ा की कोई गाथा नहीं थी?
छोड़ा गोकुल, मैया और गैया छोड़ी और
छोड़ा गोपी का आँचल
उन्हें कितनी हुई पीड़ा हमें पता नहीं?
देख कर अपनी प्रिय सखी का चीरहरण
क्या काँप नहीं उठा होगा कृष्ण का हृदय और मन?
धोए थे सुदामा के चरण कृष्ण ने अपने आँसू से
देख कर अपने मित्र की हालत बह रही थीं नदियाँ
उस वक़्त कृष्ण की आँखों से।
मेवाड़ में मीरा को मिला दुख कृष्ण
के मन को क्या सहन हुआ था?
हृदय में अत्यंत दर्द के साथ मात्र मीरा के लिए कृष्ण ने
अपने मुखारविंद को हँसता दिखाया था
क्या कृष्ण को हमारे दुख-दर्द पता नहीं?
तो उनके दर्द न जानना हमारी ख़ता नहीं?
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