चिड़ियों की भाषा

01-05-2021

चिड़ियों की भाषा

राजनन्दन सिंह (अंक: 180, मई प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

तुझे क्या पता
चिड़िया हँसती है रोती है या गाती है
ख़ुशी से चहकती है
या दुख में दहकती है
चिड़ियों की भाषा
क्या तुम जानते हो? 
 
क्यों बोलती है रात को चिड़िया 
भूख से भय से या किसी संशय से
क्या बोलती है भोर को चिड़िया 
पौ जल्दी फटो अँधेरो जल्दी हटो
भूख अब सही नहीं जाती
बिन उड़े रहा नहीं जाता
क्या खाऊँ क्या पिउँ क्या कहूँ 
कुछ कहा नहीं जाता
चिड़ियों की भाषा 
क्या तुम जानते हो
 
अपनी वज़न से ज़्यादा शोर 
वह क्यों मचाती है
अपनी भाषा में वह क्या कहती है
तुझे क्या पता
चिड़िया रोती है 
हँसती है या  गाती है
वह खुशी से चहकती है
या दुख में दहकती है
चिड़ियों की भाषा 
क्या तुम जानते हो

2 टिप्पणियाँ

  • 3 May, 2021 06:02 PM

    आदरणीय श्री रामदयाल रोहज जी, उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। सादर

  • 2 May, 2021 11:52 AM

    राजनन्दन जी आपकी कविता चिङियों की भाषा बेहतरीन कविता है जो नवीन प्रयोगों की दृष्टि से प्रशंसनीय है

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