पड़ोस में रहता है शहर
डॉ. शोभा श्रीवास्तवमेरे शहर के पड़ोस में
एक और शहर है
बिल्कुल शहर जैसा
मेरा शहर गाँव जैसा है
पड़ोस के शहर में जो कुछ होता है
वैसा कुछ भी नहीं होता
मेरे गाँव जैसे शहर में
पर मेरा शहर सुनता है
पड़ोस के शहर में होने वाली
हर हादसे की आहट
टूटे हुए रिश्तों का बिसूरना
मेरा शहर देखता है
अधकचरे संकल्पों का बौनापन
बिखरी संवेदनाएँ
एक ऐसा शहर
जो सिर्फ़ शरीर है
आत्महीन
गाँव जैसा मेरा शहर
बचना चाहता है
शहर जैसा गाँव होने से।
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