मोहब्बत भरी एक नज़र चाहते हैं

01-10-2025

मोहब्बत भरी एक नज़र चाहते हैं

डॉ. शोभा श्रीवास्तव (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

फ़ुउलुन फ़ुउलुन फ़ुउलुन फ़ुउलुन 
122    122    122    122
  
मोहब्बत भरी एक नज़र चाहते हैं
फ़कत तेरे दिल में बसर चाहते हैं
 
सभी कुछ किसे मिल सका है यहाँ पर
 इरादों में पर हम असर चाहते हैं। 
 
मुहाफ़िज़ हमारा निगाहे करम था 
वो था दर वही हम जो दर चाहते हैं
 
नसीबा किसी का नहीं एक जैसा
सफ़र में रहे वो जो घर चाहते हैं
 
सितारों से 'शोभा' न होगा गुज़ारा
 हमें ज़िद है हम तो क़मर चाहते हैं
 
क़मर= चाँद

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