नाम इतना है उनकी अज़मत का

15-02-2025

नाम इतना है उनकी अज़मत का

डॉ. शोभा श्रीवास्तव (अंक: 271, फरवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

बहर: ख़फ़ीफ़ मुसद्दस मख़बून महज़ूफ़ मक़तू
अरकान:  फ़ाएलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
तक़्तीअ: 2122    1212    22
 
नाम इतना है उनकी अज़मत का 
शौक़ दिल को है अब तो क़ुरबत का
 
बज़्म में आप जो नहीं आए 
रंग निखरा न मेरी शिरकत का
 
ये ग़ज़ल आपकी नज़र कर दूँ
ग़र इशारा हो मुझको हज़रत का
 
शाम इठला के मुझसे कहती है
दौर अब आ गया लो उल्फ़त का
 
तुम ग़वारा करो जो दिल मेरा 
ख़्वाब सच कर दूँ मैं तो जन्नत का
 
अब तो मैं सिर्फ रब के दम से हूँ
है मुहाफ़िज वही निज़ामत का
 
मैं तो मसरूफ़ हूँ बहुत ‘शोभा’
प्यार है काम लम्बी फ़ुर्सत का

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल
गीत-नवगीत
कविता
किशोर साहित्य कविता
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
नज़्म
कविता-मुक्तक
दोहे
सामाजिक आलेख
रचना समीक्षा
साहित्यिक आलेख
बाल साहित्य कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में