विज्ञानकु: सृजन

15-12-2022

विज्ञानकु: सृजन

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 219, दिसंबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

नहीं डिगेंगे 
विज्ञानकु रचना
नित करेंगे। 
 
बढ़ेगा ज्ञान
विज्ञानकु पर हो
हमारा ध्यान। 
 
करें मनन
विज्ञानकु को मानें
प्रभु भजन। 
 
श्रेष्ठ विचार
विज्ञानकु से खोलें
ज्ञान के द्वार। 
 
सभी से कहें
विज्ञानकु सृजन
करते रहें। 

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