विज्ञानकु: जलवायु

15-11-2021

विज्ञानकु: जलवायु

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 193, नवम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

लोभ से हुआ
जलवायु  बदल
भुगतो फल।
 
पेड़ कटेंगे
पक्षी कहाँ रहेंगे
सोचा क्या कभी।
 
खेतों में यदि
पराली जलाओगे
पछताओगे।
 
पृथ्वी बचाएँ 
प्रदूषण को रोकें
नीति बनाएँ।
 
कार्य करो जो
प्रकृति संरक्षण
अनिवार्य हो।

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