विज्ञानकु: मित्र

15-08-2022

विज्ञानकु: मित्र

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 211, अगस्त द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

इरादे नेक
विज्ञानकु को मिले
मित्र अनेक। 
 
होना वैश्विक
विज्ञानकु विधा का 
है आवश्यक। 
 
स्वस्थ हो होड़
विज्ञानकु मित्र हों
कई करोड़। 
 
अच्छा है आज
बेहतर हो कल 
विज्ञानकु का। 
 
विज्ञानकु को
मुँह में घी शक्कर
मिले जी भर। 

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