विज्ञानकु: जयंत नार्लीकर 

01-12-2025

विज्ञानकु: जयंत नार्लीकर 

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 289, दिसंबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)


-सुभाष चंद्र लखेड़ा 

देखें सपने 
देखिए हरदम 
देखें न कम। 
 
रखिए ध्यान 
लोगों तक ले जाएँ 
हम विज्ञान। 
 
प्रतिष्ठा तभी 
दावे न हों ग़लत
हमारे कभी। 
 
लगे जो सही 
वही विषय चुनें 
शोध के लिए। 
 
करें मनन 
हैं डॉ. नार्लीकर के 
सभी कथन। 

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