विज्ञानकु: अरस्तू

15-10-2025

विज्ञानकु: अरस्तू

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 286, अक्टूबर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

बुद्धिमान वो 
कमियों को अपनी 
जानता है जो। 
 
वही हैं हम 
जैसा हम सोचते 
हैं हरदम। 
 
ज्ञान की जाँच 
इस हेतु ज़रूरी 
तर्क की आँच। 
 
कभी न दुखी 
रहें ताउम्र सुखी 
लक्ष्य सभी का। 
 
चाहें आपको 
सम्भव नहीं कभी 
विश्व में सभी। 

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