सबक़

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 230, जून प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

छात्र जीवन में पढ़ी एक कथा के अनुसार सिकंदर महान (अलेक्जेंडर द ग्रेट) ने मरते समय अपनी माँ से कहा था कि जब कभी उनको उनकी याद आए तो वे उनकी क़ब्र पर आकर उनसे बातचीत कर सकती हैं। 

माँ का दिल ठहरा। वे अगले दिन ही क़ब्र पर जा पहुँची और आवाज़ देने लगी, “सिकंदर, मैं तुमसे बात करने आई हूँ।” 

प्रत्युत्तर में सैकड़ों आवाज़ें आई, “यहाँ हम सैकड़ों सिकंदर दफ़न हैं; आप किस सिकंदर से बात करने आई हैं?” 

आश्चर्य में डूबते हुए सिकंदर की माँ बोली, “मैं सिकंदर महान से बात करने आई हूँ।” 

इस बार आवाज़ आई, “इस जगह हम बीस सिकंदर महान दफ़न हैं; आप कौन से सिकंदर महान से बात करना चाहती हैं।” 

कथाकार ने यह तो नहीं बताया कि आगे क्या हुआ, लेकिन मैं इतना समझ गया कि इंसान अपने को लेकर किसी भ्रम में न रहे।

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