विज्ञानकु: ओमीक्रॉन

15-03-2018

विज्ञानकु: ओमीक्रॉन

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 195, दिसंबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

यही है रोना
इधर ओमीक्रान
बना कोरोना। 
 
हमसे सीखा
इसने सिर्फ़ तात
विश्वासघात। 
 
यह आया था
दुनिया को जगाने
जगा न पाया। 
 
जानते सभी
प्रकृति का शोषण
रुका न अभी। 
 
विश्व जागेगा
दुनिया से कोरोना
तभी भागेगा। 

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