उपाय

सुभाष चन्द्र लखेड़ा (अंक: 193, नवम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

वे लंबे समय तक कोशिश करते रहे कि उन्हें पद्मश्री मिले और लोग उनका उल्लेख पद्मश्री चकोर जी बोलकर किया करें। बहरहाल, अपने सारे प्रयासों और नेताओं के साथ निकटता से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ।

कुछ माह पूर्व उनके घर पोता हुआ तो उन्हें एक कमाल का विचार सूझा। उन्होंने अपने पोते का नाम पद्मश्री रख दिया। वे ख़ुश हैं कि अब कुछ जान-पहचान वाले लोग उन्हें पद्मश्री के दादा जी कहने लगे हैं।

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