इश्तिहार-ए-इश्क़
दिलीप कुमार
मशहूर शायर जनाब निदा फाजली साहब का एक शेर है:
“कोशिश भी कर, उम्मीद भी रख, रास्ता भी चुन,
फिर इसके बाद थोड़ा मुक़द्दर तलाश कर।”
मगर विज्ञापनों की दुनिया में तो हर काम तुरत-फुरत होना चाहिये।
1. मसलन अगर आप टू जी, थ्री जी और कॉमनवेल्थ खेल घोटालों से दुखी और परेशान हैं, आप चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो बस रेगुलर टाटा की चाय पीयें, इससे आपके मुँह का स्वाद बदले या न बदले मगर देश ज़रूर बदल जाएगा।
2. “रहिमन पानी राखिए, बिन पानी जग सून।”
कविवर ने पानी की महत्ता उस युग में बहुत ही महत्त्वपूर्ण बताई थी। भले ही पानी के मसले पर सिंधु जल समझौता तोड़ने पर भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर खड़े हों, मगर देश के अंदर आपकी प्यास को तभी क़ायदे से बुझा हुआ माना जायेगा जब आप पानी की जगह कोका कोला और पेप्सी से अपनी प्यास बुझाएँ।
3. आम तौर पर इस देश में सदियों से यह माना जाता है रगड़-रगड़ कर नहाने से लोग कम बीमार पड़ते हैं लेकिन डेटाल वाले यह गारंटी दिला देते हैं कि जिस घर में डेटाल का प्रयोग होता है—वहाँ पर लोग कम बीमार पड़ते हैं।
4. वैसे तो हमारे देश में पुरुषार्थ और मर्दानगी के तमाम उच्च मानदंड माने जाते रहे हैं मगर विज्ञापनों की दुनिया आपके एतबार पर संदेह पैदा करा देती है कि अगर आपने ‘लक्स कोज़ी बिग शॉट’ नहीं पहनी है तो आपको मर्द कहलाने का हक़ कदाचित ही हो।
5. अमूमन कहीं ऊँचाई से जब कोई कूदता है तो पैराशूट लेकर ही कूदता है ताकि वह व्यक्ति सुरक्षित नीचे पहुँच सके। मगर ‘माउंटेन ड्यू’ पीकर आप माउन्टेन (पर्वत) से कूद जाइये। इस कोल्डड्रिंक वाले आश्वासन देते हैं कि आपको कुछ नहीं होगा।
6. आम हिंदुस्तानी दिन-रात अपनी रोज़ी-रोटी की ज़रूरतें पूरा करने में पिसा रहता है। तीज-त्योहार पर एक तोला सोना भी नहीं ख़रीद पाता। लेकिन फ़िल्म स्टार सलमान खान के अनुसार अगर कोई बंदा महीने भर का व्हील डिटर्जेंट ले आये तो कई किलो सोने का मालिक बन सकता है फिर उस बंदे को रोज़ी-रोटी का उद्यम करने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
7. भारत में आम तौर पर युवक-युवतियाँ एक दूसरे के गुण, सौंदर्य पर आकर्षित होकर विवाह करते हैं। मगर फ़िल्म स्टार सैफ़ अली ख़ान और अभिनेत्री क़रीना कपूर ने शादी जैसा महत्त्वपूर्ण निर्णय आपस में एक दूसरे के सर का डैंड्रफ देख कर किया था, एक सार्वजनिक इश्तिहार में ऐसा उन दोनों को बताते देखा गया है।
8. आम तौर बाथरूम बेहद निजी स्थान माना जाता है। लोग बेडरूम जैसी जगह में तो साथ रह लेते हैं मगर हर व्यक्ति बाथरूम अकेले ही जाता है। हर व्यक्ति बाथरूम में अपनी पूर्ण सुरक्षा और निजता सुनिश्चित भी करता है। परन्तु विज्ञापन में यदि किसी को आपके टूथपेस्ट में नमक की उपस्थिति पता लगानी हो तो वह बाथरूम का दरवाज़ा तोड़कर आपके टूथपेस्ट में नमक होने की तत्काल दरयाफ़्त कर सकता है। विज्ञापन वाले आपके बाथरूम का दरवाज़ा खोलकर बाहर आने का इंतज़ार नहीं कर सकते।
9. मोबाइल फोन मनुष्यों को एक दूसरे से सम्पर्क एवं संवाद के लिये बनाये गए हैं जो कि भारत की क़रीब-क़रीब पूरी आबादी प्रयोग करती है अपनी सुविधा एवं हैसियत के अनुसार। लेकिन टीवी पर आने वाला विज्ञापन स्प्ष्ट मैसेज देता है कि मानवों के लिये ‘सैमसंग गैलैक्सी S3’ फोन ही उचित है। बाक़ी फोन का प्रयोग करने से मनुष्य के दुबारा मानव से बंदर बन जाने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। अर्थात् सभ्यता के विकास की गाड़ी रिवर्स गियर में आ सकती है।
10. आम भारतीय माँ-बाप अपने लड़कों को बचपन से ही डराते रहते हैं कि पढ़-लिखकर किसी क़ाबिल बन जा। नहीं तो तुझे विवाह करने के लिये कहीं लड़की नहीं मिलेगी। मगर टीवी पर आने वाला कोल्डड्रिंक उन भारतीय माताओं-पिताओं की समस्या का नजात करने का दावा करता दिखता है। टीवी का विज्ञापन बताता है कि ‘स्प्राईट’ नामक कोल्डड्रिंक लड़के में इतनी क़ाबिलियत भर देगा कि वह किसी लड़की के योग्य बन सकता है और लड़की उस पर आकर्षित हो जायेगी।
11. अमिताभ बच्चन अपने ब्लॉग पर बताते रहते हैं कि वह पिछले तीन दशक से मीठे से परहेज़ कर रहे हैं मगर कैडबरी डेयरी मिल्क का पैकेट हाथ में लिए अक्सर वह लोगों को उकसाते रहते हैं कि “कुछ मीठा हो जाये।”
12. सरकारें अब इस बात की पहल कर रही हैं कि बिजली को लोगों का मौलिक अधिकार बना दिया जाए। क्योंकि शहर हो गाँव, बिजली न होने पर हर जगह जन-जीवन ठप हो जाता है। लोग अपने घर की बिजली बचाने और बिजली के न कटने के लिये तरह-तरह के उपाय करते लेकिन यदि आप हैप्पीडेंट चबा रहे हों तो भले ही आपके घर की बिजली कट जाए। तो भी आप अपने घर की बिजली से जुड़ी परेशानियों को भूले रहेंगे। हैप्पीडेंट चबाइए और बिजली का कनेक्शन कटवा लीजिये।
13. भले ही आपके परिवार वाले आपके सुख-दुख की फ़िक्र कम करते हों। सात फेरे लेकर सात जन्म तक साथ निभाने वाला आपका जीवन साथी आपकी फ़िक्र में कोई कोताही कर सकता है मगर टीवी का विज्ञापन बताता है कि आपका इंश्योरेंस एजेंट आपकी फ़िक्र आपके माता-पिता और जीवन साथी से भी ज़्यादा करता है।
14. आपके पड़ोस में लगने वाली फलमंडी से ज़्यादा पौष्टिक व शक्तिवर्धक फल आपके शैम्पू की शीशी में होते हैं, टीवी के विज्ञापन इसकी गांरटी लेते रहते हैं।
15. आप अपने ड्राईंगरूम को साफ़-सुथरा और चमकदार रखें या न रखें मगर अपने टायलेट को चमचमाता हुआ ज़रूर रखें। क्योंकि पता नहीं कब अभिनेता अक्षय कुमार हार्पिक और कैमरा लेकर आपके टॉयलेट की सफ़ाई का सजीव प्रसारण करना शुरू कर दें। यह भी सम्भव है कि भविष्य में कोई सिनेमा का सुपरस्टार आपके घर पधारे तो सबसे ड्राईंगरूम में बैठने के बजाय आपके बाथरूम की सैर पहले करना चाहे।
16. पढ़ाई-लिखाई और विद्या के निरंतर अभ्यास करने वाले व्यक्ति समाज और महल्ले में बुद्धिमान माने जाते हैं। लेकिन अगर आप औसत बुद्धि के व्यक्ति हैं और अल्प शिक्षित हैं और चाहते हैं कि आपका महल्ला आपको बुद्विमान समझे तो बस अपना घर एशियन पेंट से रँगवा लीजिये। कम्पनी का विज्ञापन बताता है कि ऐसा करने पर आप महल्ले में सबसे ज़्यादा बुद्धिमान माने जाएँगे।
17. बेटे को अगर रामानुज जैसा तेज़ दिमाग़ और महेंद्र सिंह धोनी जैसा शांत दिमाग़ का बनना है तो कुछ ख़ास करने की ज़रूरत नहीं है। बच्चा अगर बोर्नवीटा पीता है तो कभी भी मंदबुद्धि नहीं होगा।
टीवी के इश्तिहार अब इश्क़ जैसे दिल-फ़रेब और छलिया हो चले हैं। उस्ताद शायर बशीर बद्र साहब ने अपनी एक नज़्म में फ़रमाया है:
“मुझे इश्तिहार सी लगती हैं ये मोहब्बतों की कहानियाँ,
जो कहा नहीं वो सुना करो जो सुना नहीं वो कहा करो।”
यक़ीन जानिये साहिबान, इश्क़ और इश्तिहार, दोनों के प्रभाव से बचना नामुमकिन है।
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