अँधेर नगरी प्लेब्वॉय राजा
दिलीप कुमारकहते हैं कि अगर आप ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी तालीम पूरी कर लें तो दुनिया भर की सबसे टॉप पोस्ट्स के दरवाज़े आपके लिए खुल जाते हैं। तमाम मुल्कों के सदर ऑक्सफ़ोर्ड के ही पढ़े होते हैं। ऑक्सफ़ोर्ड भी अपनी इस विरासत पर गर्व करता रहा है, लेकिन पाकिस्तानी सदर इमरान खान के बयानों को देखकर ना सिर्फ़ पाकिस्तान के लोग शर्मिंदा हैं बल्कि ऑक्सफ़ोर्ड के लोग भी अपना सर पीट रहे हैं कि ये हमने कैसे-कैसे लोगों को ऑक्सफ़ोर्ड से पास आउट कर दिया।
पिछले बरस इमरान खान ने जर्मनी और जापान की सीमा को मिलाकर अपने भौगोलिक ज्ञान से सबको चकित कर दिया था; अब उन्होंने अपने इतिहास के ज्ञान से भी झंडे गाड़ दिए। हाल ही में तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन से उन्होंने कहा, “हमारे और आपके रिश्ते बहुत पुराने हैं, क्योंकि आपने 600 बरस तक हिंदुस्तान पर हुकूमत की।”
इस बयान की कई मायनों में खिल्ली उड़ी। पहली बात तो उनके इतिहास के ज्ञान की थी कि तुर्की के लोगों ने कभी भी हिंदुस्तान पर शासन नहीं किया और अगर किया भी तो उससे पाकिस्तान का क्या ताल्लुक़? वो मुल्क पाकिस्तान, जिसने अपने इतिहास से तक्षशिला और मोहनजोदड़ो को निकाल दिया और जो मध्य एशिया के डाकुओं ग़ौरी, ग़ज़नवी, नादिरशाह तक को अपना हीरो मानता रहा हो, उसका तुर्की से क्या वास्ता?
ये तो ऐसे ही है कि भिखारी गर्व से कहे मैं जिस सड़क पर भीख माँगता हूँ, उसी सड़क से बीएमडब्ल्यू गुज़रती है, भीख और बीएमडब्ल्यू का रास्ता साझा हुआ तो हम रिश्तेदार हो गए।
कोई बात नहीं भिखारी, भीख माँगने के लिये हर किसी से रिश्ता कर ही लेता है और पाकिस्तान हमेशा इसमें माहिर रहा है। कभी कश्मीर के नाम पर तो कभी तालिबान के नाम पर बरसों से भीख माँगने का अभ्यास है उनका।
कुछ बरस पहले वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान इमरान खान (जिन्हें अब यू-टर्न खान और तालिबान खान भी कहा जाता है) ने भारत के प्रधानमंत्री की बुद्धि पर एक अहमकाना कमेंट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वो ज़िंदगी भर ऐसा देखते आये हैं, जिसमें औसत बुद्धि के लोग बड़े पदों पर क़ाबिज़ हो जाते हैं, ज़ाहिर है अपनी बुद्धि को उन्होंने औसत की रेंज से बाहर रखा था। यानी कि वो या तो टॉप पर हैं या बॉटम पर। पाकिस्तान की ये “नेशनल प्रॉब्लम “ हो गयी है कि उनके वसीले को कोई समझ नहीं पाता।
मसलन पाकिस्तान ख़ुद को “आतंकवाद से पीड़ित देश” बताता है जबकि समूची दुनिया पाकिस्तान को “दहशतगर्दी का एक्सपोर्टर“ मानती है। पाकिस्तान में दहशतगर्दी उद्योग है, सबसे आर्गनाइज़्ड ढंग से आतंकवाद में शामिल होने वाले उत्पादों के हर ब्रांड उनके पास तैयार होते हैं। ख़ुदकुश हमलावर से लेकर प्लेन उड़ाने वालों को “डॉक्टर ऑफ़ फिलासफी“ के समतुल्य माना जाता है क्योंकि ये एक ऐसी फिलासफी है, जिसमें व्यक्ति ख़ुद को भी क़ुर्बान कर देता है अपनी आइडियोलॉजी के प्रचार-प्रसार के लिये।
दूसरी क़िस्म उन लोगों की है जो वेतन भोगी दहशतगर्दी का कोर्स करके तैयार होते हैं। ये सिर्फ़ भारत भेजे जाते हैं। ये अपनी इंटर्नशिप और ऑन साइट भारत में पूरी करते हैं। इन लोगों को भारत की जेलों के शाकाहारी भोजन खाने का बरसों अभ्यास कराया जाता है ताकि पकड़े जाने पर ये अधिकतम वर्षों तक जी सकें। इन्हें भारतीय न्याय प्रणाली के सुस्त ट्रायल पर काफ़ी यक़ीन होता है; मसूद अज़हर और जरगर जैसे लोग इस श्रेणी में आते हैं।
तीसरी क़िस्म उन अल्प शिक्षित लोगों की होती है जो टेरर फ़ैक्ट्री के मज़हबी स्कूलों से निकलते हैं जो पूरी मानवता को नष्ट कर देने पर आमादा होते हैं और ख़ास तौर पर उस भारत को जो उन्हें दवाई, और नमक जैसी बुनियादी चीज़ें फ़राहम कराता रहता है। इन्हें बचपन से जन्नत की तलब रहती है। इन्हें मौलाना तारिक जमील जैसे लोग 130 फ़ीट की 72 हूरें और शहद और दूध की नदियों के अलावा इफ़रात शराब की भी गारंटी देते हैं आईएसआई मार्का। क्योंकि भारत में रोज़मर्रा की ज़िंदगी में इस्तेमाल होने वाले सामान की गारंटी के लिये आईएसआई मार्का होना ज़रूरी है वैसे ही पाकिस्तान में हर गुनाहे अज़ीम को अंजाम देने के लिये आईएसआई की सरपरस्ती ज़रूरी है। आख़िर हर गुनाह का इनाम आईएसआई को ही देना होता है, यहाँ तक पपेट प्राइम मिनिस्टर मियाँ नियाज़ी भी वही बोलते और कहते हैं जो आईएसआई कहती है।
दुनिया भले ही कुछ कहती है लेकिन पाकिस्तान को ख़ुद के बारे में कहना-सुनना काफ़ी मानीखेज रहता है
1. दुनिया की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे वाहिद मुल्क हो गया है जिसकी करेंसी और रहन-सहन का स्तर मलावी जैसे मुल्कों से भी नीचे चला गया है। लेकिन यूनाइटेड नेशन के अधिवेशन में भाग लेने गए पाकिस्तान के मिनिस्टर शहरयार अफ़रीदी न्यूयॉर्क की ग़रीबी देखकर, वहीं से हर पाकिस्तानी को बताने लगे कि पाकिस्तान में पैदा होने वाले लोग दुनिया में सबसे ख़ुशहाल ज़िंदगी जीते हैं और अमेरिका में कितनी ग़रीबी है। वाक़ई ये एज़ाज़ पाकिस्तान वालों को ही नसीब है।
2. शोयब अख़्तर फ़रमाते हैं कि पाकिस्तान दुनिया का सबसे सुरक्षित मुल्क है क्रिकेट खेलने के लिये आज की तारीख में, न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड ने अपना पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने का दौरा ग़लती से मुल्तवी कर दिया है। वैसे, ये वैसा ही मज़ाक है जैसे मरहूम कॉमेडियन उमर शरीफ़ फ़रमाते थे कि बिना सिक्युरिटी के सुपर पॉवर फ़ील करने का गट्स सिर्फ़ पाकिस्तानी बाशिंदों को हासिल है।
3. पाकिस्तान की टीवी एंकर फ़िज़ा खान( जिन्हें अब आम पाकिस्तानी लोग पिज़्ज़ा खान बुलाते हैं) अब भारत में काफ़ी मशहूर हो गयी हैं। उनकी हालत मुहल्ले की उस बुढ़िया की तरह हो गयी है, जिसके घर पर लड़के दोपहरी में दस्तक देकर भाग जाते थे और फिर बुढ़िया उन लड़कों को ऐसी-ऐसी क्लासिक गालियाँ देती थी कि लड़के हँस-हँस के लहालहोट हो जाते थे। ऐसा ही भारत के कुछ नटखट लड़के करते हैं फ़िज़ा आंटी को ईमेल और कमेंट से इतना हैरान करते हैं कि वो इतना ऊलजुलूल बकती हैं कि ख़ासा मनोरंजन हो जाता है। लोग-बाग तो उन्हें “पाकिस्तानी जर्नलिज़्म की राखी सावन्त” बुलाते हैं, हालाँकि उनके पास उनकी अपनी ड्रामा क्वीन कंदील बलोच थीं। मगर अफ़सोस अब वो मरहूम हो गईं, उम्मीद है फ़िज़ा अकबर खान उनकी कमी खलने नहीं देंगी।
4. इस बीच पाकिस्तान के डुप्लीकेट अफ़ग़ानी तालिबान ने कहा है कि वो चीन बॉर्डर पर ख़ुदकुश हमलावरों की एक ऐसी टुकड़ी “लश्कर-ए-मंसूर“ तैनात करेगी। तालिबान का बम धमाके करने का तजुर्बा इतना ज़्यादा है और उनके पास ख़ुदकुश हमलावरों की तादाद इतनी ज़्यादा है कि उन्होंने दुश्मन से लड़ने के लिये गोला-बारूद का इस्तेमाल करने के बजाय अपने मुल्क के बन्दे ख़र्च करना ज़्यादा मुफ़ीद लगता है। लोग मानते हैं कि ख़ुदकुश हमलावरों की ट्रेनिंग लश्कर-ए-तैय्यबा ने दी है। इसे कहते हैं पाकिस्तान के इल्म का विस्तार, नॉलेज का एक्सपोर्ट।
इस बीच इमरान खान ने न्यूज़ीलैंड की पीएम साहिबा से अर्ज़ की है कि आपने क्रिकेट नहीं खेली तो कम से कम उस 27 लाख रुपये की बिरयानी का भुगतान तो कर दें जो आपके क्रिकेटरों के सुरक्षा कर्मियों ने खायी है। पीएम साहिबा ने पीएम इमरान खान से भुगतान की हामी भरने के बाद अगले दिन “यू-टर्न” का मैसेज भेज दिया है जिससे “इमी द डिमी क्लीन बोल्ड हो गया है“। इस बात पर मुंबई वाले शर्मा जी का लड़का (जिस पर पाकिस्तान आरोप लगाता है कि उसी के ईमेल भेजने के कारण दोनों अँग्रेज़ मुल्कों ने अपना पाकिस्तान का क्रिकेट दौरा कैंसिल कर दिया और जो ईमेल भेजने में माहिर है) दुनिया भर की मीम बनाने वाले एजेंसियों को ईमेल भेजने में जुट गया है।
आपको भी शर्मा जी के लड़के का ईमेल मिला क्या?
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