तुमको याद रखेंगे गुरु

01-03-2024

तुमको याद रखेंगे गुरु

दिलीप कुमार (अंक: 248, मार्च प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

“आइए महसूस कीजिये पब्लिसिटी के ताप को, 
मैं फिल्मवालों की गली में ले चलूँगा आपको” 

तो ख़्वातीनो! हज़रात! मायानगरी की इस चमक-दमक से भरी दुनिया की सैर में आपका ख़ैर-मक़्दम है। इस रुपहली और मायावी दुनिया का एक बेफ़िक्र फ़लसफ़ा है “बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा।” जी यक़ीनन होगा। हर हाल में नाम होना ही चाहिए भले ही बजरिये बदनामी हो। 

इस रुपहली और मायावी दुनिया की सबसे मायावी कस्तूरी को “पब्लिसिटी” कहते हैं। 

तो हुआ यूँ कि एक फरवरी को भारत में वित्त मंत्री साहिबा ने संसद में बजट पेश किया जिसमें उन्होंने 9-14 वर्ष की किशोरियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के टीकों के लिए सरकार की नेकनीयत योजना के बारे में बताया। जनता ने इसे सुना और सराहा भी और योजना के डीटेल की प्रतीक्षा होने लगी। 

मगर यही बात एक पार्ट टाइम सिने अदाकारा ने अपनी पब्लिसिटी के लिए लपक ली। 

जनता अभी सरकार की योजना को ठीक से समझ पाती कि सर्वाइकल कैंसर से पूनम पांडे नाम की सिने तारिका की मौत की ख़बर सबसे अविश्वसनीय आभासी प्लैटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर बेहद विश्वसनीय तरीक़े से पोस्ट कर दी गई। 

पूनम पांडे तीस की वय पार कर चुकी एक सिनेमा की तारिका हैं जिन्होंने एक दो फ़िल्मों में काम किया जो अश्लीलता की उच्च कोटि के उपमेय व उपमान वाले चलचित्र थे। उन्होंने पब्लिसिटी के हर हथकंडे पहले भी अपनाए थे पर उन्हें कुछ ख़ास सफलता नहीं मिली थी। 

पूनम पंडित नामक सिने तारिका ने कुछ वर्ष पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के विश्वकप जीतने पर भी खिलाड़ियों के सामने अपने हुस्नोजमाल के भोंडे प्रदर्शन की बात मीडिया में कही थी। ग़नीमत ये है कि भारत देश में स्त्री को लेकर लोगों में आदर का भाव अभी बचा हुआ है सो पूनम पांडे का वो हथकंडा भी बेकार गया था, अलबत्ता आलोचना भी झेलनी पड़ी थी। हथकंडों से सुर्ख़ियों में आने के मामले में अभी भी भारत में राखी सावंत की बादशाहत बरक़रार थी। 

सो पूनम पांडे नामक सिने तारिका ने सर्वाइकल कैंसर जैसे मुद्दे को लपक लिया। पूनम पांडे के सर्वाइकल कैंसर से अकाल मृत्यु की ख़बर वहीं से शाया हुई जहाँ से पूनम पांडे अपनी पब्लिसिटी की तमाम ख़बरें पोस्ट किया करती थीं। 

मृत्यु किसी की भी हो, सदैव दुखद ही होती है और भारत में तो मृत्यु हो जाने पर दुश्मन को भी क्षमा कर दिए जाने की परंपरा रही है। 

फिर एक युवती की मृत्यु तो और भी दुखदाई होती है, उनके प्रशंसकों के लिए ये एक सदमा था। दुनिया भर से उनकी अकाल मृत्यु पर शोक संवेदना प्रकट की जाने लगी। क़रीब 24 घण्टे से अधिक समय तक अपनी मृत्यु का उत्सव करवाने के बाद पूनम पांडे जीवित रूप में अचानक सकुशल प्रकट हुईं। 

इस मृत्यु के तमाशे पर पूनम पांडे ने बहुत ज़्यादा पब्लिसिटी बटोरी। जब वह प्रकट हुईं तब लोगों को पता चला कि ये एक पब्लिसिटी स्टंट था। उनके पैंतरे देखकर उनकी आदर्श राखी सांवत भी अवाक्‌ रह गईं। अपनी समझ के अनुसार राखी सावंत ने कहा, “मुंबई में ऐसा कोई श्मशान घाट नहीं है जिसमें पूनम पांडे को जलाया या दफ़नाया जा सके। क्योंकि पूनम बहुत हॉट हैं।” 

राखी सावंत ने अपनी छवि के अनुरूप मृत्यु पर भी अपना ज्ञान बघारा। उन्हें क़ब्रिस्तान और श्मशान घाट में फ़र्क़ नहीं पता, ग़ौरतलब है कि राखी सावंत ने कुछ समय पहले ही एक मुस्लिम युवक से निक़ाह करने से पूर्व इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। लेकिन पब्लिसिटी के लिए कोई भी हथकंडा अपनाने वाली राखी सावंत अपनी रुचि से सनातन, इस्लाम और कभी-कभार क्रिश्चियन धर्म में आवाजाही करती रहती हैं। 

पब्लिसिटी के लिए कुछ भी कर गुज़रने वाली राखी सावंत ने सार्वजनकि तौर पर “राखी का स्वयंवर” नामक रियल्टी टीवी शो में घोषणा की थी कि वह उस टीवी शो के विजेता से विवाह करेंगी। 

ये टीवी शो भारतीय मूल के एक कनाडाई युवक ने जीता था। शो के समाप्ति के समय दुनिया के सामने राखी ने गाजे-बाजे के साथ उस युवक के साथ विवाह करने की घोषणा की थी। 

मगर कुछ समय बाद राखी मुकर गई। उसने रियल्टी शो की रियल्टी की धज्जियाँ उड़ाते हुए अपने विवाह के वादे को “पब्लिसिटी स्टंट” क़रार देते हुए विवाह से मना कर दिया। 

हालाँकि कुछ वर्ष पूर्व राखी सावंत ने आदिल नामक एक युवक से विवाह किया। अब भी जब-तब राखी सावंत मीडिया में अपने वैवाहिक जीवन की विवादित ख़बरें ख़ुद पोस्ट करती रहती हैं। किसी दिन पति के जुल्मोसितम की बात करके कैमरे पर बिलख-बिलख कर रोती हैं तो कभी हँसती-खेलती अपनी ख़ुशहाल गृहस्थी की बात करती हैं, तो कभी-कभी “डोमेस्टिक वायलेंस” की पीड़िता होने की बात भी करती हैं। 

“राखी का स्वयंवर” रियल्टी टीवी शो में वादा करके तय किये गए लड़के से विवाह करने की बात से पलट जाने की घटना को मीडिया और जनता ने बहुत सीरियसली लिया था। तो अब आज ये आलम है कि राखी सावंत सच में अगर अपनी पीड़ा बयान करती हैं तो मीडिया का बड़ा हिस्सा उसे “पब्लिसिटी स्टंट” बताता है औऱ जनता उसे मान भी लेती है। 

पूनम पांडे ने भी राखी सावंत की राह चुनी और समय-समय पर ख़ूब पब्लिसिटी स्टंट किये। पूनम पांडे ने कभी भारतीय क्रिकेट टीम की जीत पर इंस्टाग्राम पर अर्धनग्न तस्वीरें पोस्ट की तो कभी यूट्यूब पर अपने नहान कक्ष की आपत्तिजनक तस्वीरें पोस्ट कीं और उन तस्वीरों के साथ उलजुलूल कैप्शन भी दिए। 

एक बात पूनम पांडे की भी राखी सावंत की तरह उनके जीवन में कॉमन रही कि उन्होंने भी ढेर सारी बेसिर पैर के पब्लिसिटी स्टंट करने के बावजूद ख़ुद को विवाहित जीवन में “डोमेस्टिक वायलेंस” का शिकार बताया राखी सावंत की तरह। 

ये और बात है कि उनके इस बात को भी अब लोग पब्लिसिटी स्टंट बता रहे हैं क्योंकि जो अपनी मृत्यु की झूठी ख़बर फैलाकर 48 घण्टे तक उस पर आई प्रतिक्रियाओं का आनन्द ले सकता है। उसे कोई क्या पीड़ा दे सकता है? ये बात आसानी से लोगों के गले नहीं उतर रही। पूनम पांडे की जब चौतरफ़ा आलोचना हुई तब उन्होंने अपने बचाव में कहा कि-उन्होंने सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ये सब किया था। मुंबई की सिने एसोसिएशन इस बात से बेहद नाराज़ हुई। उस संस्था ने क़ानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस से सम्पर्क किया है। 

पूनम पांडे के भोथरे लॉजिक का अनुसरण किया जाए तो कल को विजय माल्या कह सकते हैं कि, उन्होंने बैंकों से फ्राड इसलिये किया था ताकि लोगों को “फाइनेंशियल लिटरेसी” के लिए जागरूक किया जा सके। 

ग़ौरतलब है कि पूनम पांडे को भले ही फ़िल्मों में कोई ख़ास पहचान न मिली हो और सोशल मीडिया पर किसी भी हद तक जाकर पब्लिसिटी स्टंट करती रही हों लेकिन निजी जीवन में वह बेहद तेज़, जुझारू और कामयाब महिला हैं। एक प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सौ करोड़ से ज़्यादा के टर्नओवर वाले बोल्ड कंटेट के व्यापार की वह मालिकिन हैं। व्यापार कैसा भी हो? नैतिक-अनैतिक मगर होता क़ानूनी तरीक़े से ही है। इसी तरह से राखी सावंत ने भी ग़रीबी से उठकर अपने को एक सफल महिला के तौर पर स्थापित किया है। 

चुनांचे कि अब तो इस कड़ी में उर्फी जावेद भी हैं जिन्होंने कुछ दिन पूर्व अपनी झूठी गिरफ़्तारी का वीडियो प्रसारित कर दिया था बाद में पुलिस सच में उन्हें गिरफ़्तार करने के लिए खोजने लगी तो वह अंडरग्राउंड हो गईं। 

कहते हैं जीवन एक मेला है मगर सोशल मीडिया पर चमक बिखेरने के लिए पूनम पांडे, राखी सावंत, उर्फी जावेद जैसी यश प्रार्थीनियों ने मनुष्य की संवेदना का तमाशा बना कर रख दिया है। सिर्फ़ ‘हमीं दिखें’ के मोह पर उस्ताद शायर नजीर बनारसी साहब फ़रमा गए हैं:

“तेरी मौजूदगी में तेरी दुनिया कौन देखेगा
तुझे मेले में सब देखेंगे तो मेला कौन देखेगा।” 

वैसे पब्लिसिटी स्टंट के इस खेल में पूनम पांडे ने मृत्यु का खेला करके राखी सावंत को पीछे छोड़ दिया है और अब राखी सावंत मन ही मन कलप कर पूनम पांडे से कह रही होगी: 

“तुमको याद रखेंगे गुरु।” 

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