सफ़र

भीकम सिंह (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

किस तरह के
सफ़र में हम आये 
हमारे इर्द-गिर्द घूमते 
असंख्य चौराहे। 
 
कोई भयावह 
कोई वीभत्स 
कोई भूख में खड़ा 
दे रहा दुआएँ। 
 
कोई बाहर 
कोई भीतर
निर्लज्जता पहने 
चल रहा दाएँ-बाएँ। 
 
कोई उतरते ही 
दौड़ पड़ता 
अनजानी-सी दिशा में 
यूँ ही गाहे-बगाहे। 
 
किस तरह के 
सफ़र में हम आये। 

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