भीकम सिंह – हाइकु – 001

15-04-2023

भीकम सिंह – हाइकु – 001

भीकम सिंह (अंक: 227, अप्रैल द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

1
बमक उठा 
पगडण्डी का मन
देख सावन। 
 
2
किलक पड़ा 
पराजित-सा खेत 
सूर्य ज्यों चढ़ा। 
 
3
मौन छतों पे 
ढूँढ़ती फिरें बातें 
जेठ की रातें। 
 
4
देख के बूटे 
तरुओं के मन में 
लड्डू-से फूटे। 
 
5
खेत से बैल
दूर का रिश्ता हुआ 
ताख़ पे जुआ। 
 
6
खेत का नाम 
किसान लेके बोए 
ज्यों रिश्ता होए। 
 
7
खेत बेदम
ऊसर पसरा है 
सुस्त क़दम। 
 
8
पथ बुहारें
झूठ के किरदार 
फोटो उतारें। 
 
9
भरा ज्यों पेट 
स्मृति में कौंधते 
नए आखेट। 
 
10
हर गाँव में 
लेके बैठी रूढ़ियाँ
बड़ी-बूढ़ियाँ। 

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