हरी दमक

01-06-2024

हरी दमक

भीकम सिंह (अंक: 254, जून प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

उसने जब कहा 
वह प्रेम करती है 
मैं थोड़ा-सा हँसा
बस दो या तीन सैकंड, 
उसकी आँखों में 
सूरज के हरे प्रकाश-सा
प्रेम दिखाई पड़ा
फिर हम दोनों ने 
मुड़-मुड़ के देखने वाली 
राह पकड़ ली, 
मैं आज भी पीछे मुड़कर देखता हूँ। 

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