भीकम सिंह – ताँका – प्रेम 007

01-05-2024

भीकम सिंह – ताँका – प्रेम 007

भीकम सिंह (अंक: 252, मई प्रथम, 2024 में प्रकाशित)


1.
सीधी सरल
प्यार में उड़ानों की
ख़ाक उड़ाना
कैसे दिन ले आया 
तेरा वही बहाना। 
 
2.
गूॅंज रही है 
प्यार में सियासत 
हम क्या बोले 
टाॅंग लिये सबने 
मज़हब के झोले। 
 
3.
नफ़रत में 
बन्द था दरवाज़ा 
तब मैं जाना 
कितने ख़तों का यूॅं
लौट-लौटके आना। 
 
4.
फिरता रहा 
रास्तों में नंगे पाँव 
लेकर वादे 
तेरी ठंडी धूप थी 
मेरे ख़ाक इरादे। 
 
5.
प्यार लौटा है 
फिर यादों के संग 
खिले हैं अंग
बजते बेवजह
जैसे कोई मृदंग। 

1 टिप्पणियाँ

  • 16 Apr, 2024 05:53 PM

    बहुत सुंदर तॉका प्रेम -००७ सजीव पंक्तियाँ

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