हे मानव अपनी मानवता को बचाए रखना

01-01-2025

हे मानव अपनी मानवता को बचाए रखना

विनय कुमार ’विनायक’ (अंक: 268, जनवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 
हे मानव अपनी दुर्गति के लिए 
ईश्वर ख़ुदा रब को क़सूरवार नहीं ठहराना
ईश्वर ने सद्गति का पूरा इंतज़ाम कर रखा है! 
 
हे मानव ईश्वर को अकाल मृत्यु के लिए 
ज़िम्मेदार नहीं ठहराना बदनाम नहीं करना
ईश्वर ने संपूर्ण जीवन का सरंजाम कर रखा है! 
 
हे मानव ईश्वर को अपने नुक़्सान के लिए
इल्ज़ाम ना लगाना ख़ुद को दुष्कर्म से बचाना
ईश्वर ने स्वाभाविक मौत का वरदान दे रखा है! 
 
अपनी मृत्यु का कारण जीव स्वयं होता है
व्यर्थ ही मानव ईश्वर या प्रकृति को कोसता है
मानव अपनी बुराइयों को पहचान नहीं पाता है! 
 
हे मानव अपनी नाश और दुर्दशा के लिए 
ईश्वर को कभी नहीं कोसना ना आड़े हाथों लेना
आदमी अगर दुःखी है तो अपनी सोच के कारण से! 
 
हे मानव तुम जो भी हो सोच की वजह से हो 
वैसी सोच नहीं रखना जो हर जगह तबाही मचाती हो 
समय-समय में सोच सुधारो सोच ही भाई या कसाई बनाती! 
 
हे मानव अपनी मानवता को बचाए रखना 
मानवता को कुचलने वाला कोई भगवान नहीं होता 
मानवता को बचाना और मारना मानव का ही काम होता! 

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