अफ़सर की तरह आता है नववर्ष 

01-01-2023

अफ़सर की तरह आता है नववर्ष 

विनय कुमार ’विनायक’ (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

विगत वर्ष से बेहतर होने की
उम्मीद लेकर आया था यह वर्ष
जो आगत को अक्षुण्ण उम्मीद का
चार्ज देकर गत हो गया! 
 
उम्मीद बेहतरी की
जो विरासत में मिली थी
डाक टिकटों/करेंसी रेवेन्यू की तरह
हर बार गिनकर
हस्तांतरित करता रहा वर्ष
भारमुक्त अधिकारी सा
बिना कमोबेश किए
भारग्राही पदधारी को
उम्मीद जिसे बचाए रखनी थी
बचाए रखनी होगी विदाई के पूर्व 
आगत को हूबहू सौंपने! 
 
कि खर्चने को बहुत कुछ है
घटाने को ढेर सारी घटनाएँ
बढ़ाने को ढेर सारे घोटाले
घटना थी जिसे बढ़ गया
बढ़ना था जिसे घट गया
पर बची रही ज्यों की त्यों
बेहतरी की उम्मीद 
कि इसे लौटानी थी
चार्ज रपट में हस्ताक्षर के साथ
भारग्राही को ज्यों की त्यों! 
 
वर्ष जो अफ़सर सा आता है 
ख़ाली-ख़ाली अटैची डुलाकर
वर्ष जो अफ़सर सा जाता है 
भरा-भरा वी०आई०पी० सूटकेस भरकर
छोड़ जाता अवैध ख़रीदारी के वाउचर
भ्रष्टाचार के कच्चे चिट्ठे! 
 
विदाई की भावुक तनहाई के साथ
नववर्ष पदभार ग्रहण करता है
युवा प्रशासक के रोब में
कुर्सियाँ बदल देता
पूर्व पदधारी के चमचों की
जाँच कमिटी गठित कर देता
पूर्व पदधारी के कारनामों पर! 
 
मातहतों को बुलाकर
वर्क कल्चर पर मिटिंग करता
कि कालीन बिछेगा चैम्बर में
लाल बत्ती लगेगी कार में
संतरी गार्ड बैठेगा देहरी मोखे पर
दौरा करेगा बाढ़ ग्रस्त इलाक़े का
कि कितनी बची है मछलियाँ
टोह लेंगे सुखाड़ ग्रस्त वनांचल का
कि कितना शेष है सागवान लकड़ियाँ! 
 
फोन करेगा आक़ा को
कि बाँट दिया सारा अनाज
बाढ़िए/सुखाड़ियों के बीच
प्रस्ताव है अमेरिका से 
गेहूँ मँगाने का और रूस से तोप
कि बोफ़ो र्स कालातीत हो गया
पशु चर गया था चारा 
पिछले ही वर्ष
सड़क चाट गई थी अलकतरा
पिछले ही वर्ष
कि गोदाम ख़ाली है इस वर्ष! 
 
ख़ाली को भरने की
मंज़ूरी मिल गई फोन पर
ख़ाली भर गयी फोन ही फोन पर
फिर आते-आते दिसंबर
होगा तबादला अफ़सर का
और चार्ज लेने आएगा नववर्ष
ख़ाली-ख़ाली अटैची डुलाकर
नए अफ़सर की तरह। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
नज़्म
ऐतिहासिक
हास्य-व्यंग्य कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में