एक ईमानदारी के कारण मैंने जिया तन्हा-तन्हा जीवन
विनय कुमार ’विनायक’
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
वही कार्य किया जिसे ईमानदारी के अनुकूल पाया
मैंने अपने माँ-पिता के सिवा
किसी अन्य को सगा संबंधी रिश्तेदार नहीं बनाया
माँ पिता तो सबके अपने होते
मैंने नहीं माता पिता ने मुझे अपना सुपुत्र बनाया!
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
कभी बड़प्पन नहीं दिखाया नहीं बड़ा बन पाया
भाई बहनों में तो मैं ही ज्येष्ठ हूँ
बचपन में गोद खिलाया मारा-पीटा पढ़ा पढ़ाया!
आगे मैंने नहीं, सब कार्य माँ पिता ने ही किया
कोई भाई बहन मुझसे कहते तुमने क्या किया?
उसके पहले मैं कह देता हूँ मैंने कुछ नहीं किया
मैंने जो कमाया अपने माता पिता के हाथ दिया
मैं बड़ा हूँ घर की नींव बना घर नहीं बना पाया!
मैंने जो भी किया ज्येष्ठ भाई होने के नाते किया
मैं बड़ा हूँ एक मानव जोड़ी को माता पिता बनाया
मैंने अपने हिस्से का दुग्ध भाई-बहनों को पिलाया
मैं बड़ा हूँ माँ की कोख पिता की गोद भेंट कर दी
मैं बड़ा हूँ माँ का कान्हा पिता का साया हो आया!
मैं बड़ा हूँ पर बड़ा भाई होने का दावा नहीं किया
भाई बहन के विवाह में पिता संग दौड़-धूप लिया
मैं बड़ा हूँ घर ज़मीन बँटवारे में जो बचा सो पाया
मैं बड़ा जो किया माँ पिता का ऋण समझ किया
मैं राम बना, पर किसी को लक्ष्मण बना नहीं पाया!
मैं ज्येष्ठ हूँ मेरे पिता बड़े थे ये गुण पिता से आया
पिता ने कहा कुछ करना है तो रिश्ते से दूरी बनाना
बराबर घर ना आना, काका से लड़ाई में ना उलझना
नौकरी मिली पिता ने शपथ खिलाई रिश्वत ना लेना
जब भी घर से चला पिता का पैर छूआ प्रण दुहराया!
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
वही कार्य किया जिसे ईमानदारी के अनुकूल पाया
मैंने किसी की दलाली नहीं की कलाली नहीं खोली
मैंने घूस नहीं खाई सुरा नहीं पी और ना पिलायी
मैंने किसी को अनुचित लाभ नहीं दिया ना लिया
मैंने वैसा काम नहीं किया जिससे मुनाफ़ा कमाया!
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
वही कार्य किया जिसे ईमानदारी के अनुकूल पाया
मैंने शादी की धर्मपत्नी के साथ सात वचन निभाया
सास श्वसुर को ना झुकाया साला साली को ना छला
ससुराली संबंधियों ने ना मुझे जाना, ना मैंने जनाया
किसी से फूटी कौड़ी की न आशा की ना मुँह फुलाया!
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
वही कार्य किया जिसे ईमानदारी के अनुकूल पाया
किसी से घृणा द्वेष नहीं किया जो उचित था किया
मेरा कर्म अच्छे को अच्छा बुरे को अच्छा ना भाया
मैंने ईमानदारी के लिए बहुत जन को नाख़ुश किया
मैंने ईमानदारी के कारण अपनों को दुश्मन बनाया!
मैंने एक ईमानदारी के सिवा
कोई वाहवाही का काम ना किया इनाम भी नहीं लिया
नहीं किसी को नौकरी का रोब दिखाया ना झाँसा दिया
ना किसी को बरगलाया न किसी के ग़लत काम आया
ना पद पैसा के प्रभाव से किसी को डराया न धमकाया
एक ईमानदारी के कारण किसी ने मुझे नहीं अपनाया!
एक ईमानदारी के कारण मेरी अपनों से रही अनबन
एक ईमानदारी के कारण मैं हार गया जीवन का रण
एक ईमानदारी के कारण लोगों से मिला न अपनापन
एक ईमानदारी के कारण हुआ अहम वहम खिन्न मन
एक ईमानदारी के कारण मेरा शत्रु भाई बहन स्वजन
एक ईमानदारी के कारण मैंने जिया तन्हा-तन्हा जीवन!
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