अफ़ग़ान विजेता: सरदार हरि सिंह नलवा का जलवा

01-10-2025

अफ़ग़ान विजेता: सरदार हरि सिंह नलवा का जलवा

विनय कुमार ’विनायक’ (अंक: 285, अक्टूबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

अफ़ग़ान विजेता सरदार हरि सिंह नलवा का जलवा, 
कुछ ऐसा कि बाघ का जबड़ा दो-फाड़ कर चीर दिया! 
महाराजा रणजीत सिंह ने उन्हें ‘बाघमार’ उपाधि दी, 
हरि सिंह को सम्मान में कहा था वीर राजा नल सा! 
 
तब से महाराजा रणजीत सिंह की सेना खालसा का, 
वो सर्वोच्च कमाँडर हरि सिंह कहलाने लगे थे नलवा! 
अट्ठाईस अप्रैल सत्रह सौ इकानवे ईसवी में गुजरांवाला में
जन्म लिए नलवा जो अब है पाकिस्तान का हिस्सा! 
 
गुरुदयाल सिंह उप्पल व धर्मा कौर का लाल कमाल, 
कश्मीर क़ुसूर काबुल कांधार पेशावर मुलतान के विजेता! 
नलवा ने सिन्धु नदी के पार अफ़ग़ानी साम्राज्य का
वह हिस्सा जीता जो अब्दाली तैमूर तक अखण्ड था! 
 
महाराजा ने उनको कश्मीर पेशावर का गवर्नर बनाया, 
हरि सिंह ने कश्मीर में ढाल दिए हरि सिंग्गी सिक्का! 
पेशावर के शासक यार मोहम्मद ने नलवा से हार कर 
दिया नज़राना और काबुल के अज़ीम ने जिहाद किया! 
 
पैंतालीस हज़ार खट्टक और युसुफजई कबिलाई लेकर
अकबरशाह ने आक्रमण किया नलवा भी तैयार मिला! 
हरि सिंह नलवा के सैन्यबल ‘शेर ए दिल रज़ामान’ ने 
पोनटून पुल पारकर जीत लिया था जहांगीरिया क़िला! 
 
दस हज़ार पठानों को गाजर मूली जैसा संहार किया, 
‘तौबा-तौबा ख़ुदा ख़ुद खालसा शुद’ अफ़ग़ानों ने कहा! 
‘ख़ुदा माफ़ करे ख़ुदा ख़ुद खालसा हो गए’ ऐसा बोल
पठान सेना भाग गई फिर जोड़ने को सैन्य शक्तियाँ! 
 
हरि सिंह ने स्यालकोट क़ुसूर अटक मुलतान शोपियां
पखली नौसेरा सिरीकोट पेशावर जमरुद में युद्ध किया! 
अठारह सौ सात से सैंतीस ई. तक लगातार हारा नहीं, 
अंततः खैबरदर्रा को आक्रांताओं के लिए बंद कर दिया! 
 
खैबरदर्रा बंद कर महफ़ूज़ किया देश को वीर नलवा ने
जिससे यवन-शक-हूण-तुर्क-पठान-मुगल लुटेरे आते रहे! 
अठारह सौ छत्तीस ई. में अफ़ग़ानी सेनानी ने किया हमला, 
जमरुद की युद्धभूमि में जहाँ घायल हो गए थे नलवा! 
 
अठारह सौ सैंतीस ई. में हरि सिंह ने रणजीत सिंह से
जमरुद क़िले में सेना माँगी जो माह भर नहीं आ पाई! 
राजा रणजीत सिंह पुत्र की शादी में हो गए थे व्यस्त, 
इधर नलवा मुट्ठीभर सेना संग लड़ते हो गए थे पस्त! 
 
अफ़ग़ान पठान में हरि सिंह नलवा का ऐसा था आतंक, 
कि वीरगति पाने पर भी कोई हो ना सका भय निशंक! 
अफ़ग़ानी क़ौम में उनके नाम के डर का ऐसा था असर! 
कि रोते बच्चे को चुप कराती थी माँ नलवा नाम लेकर! 
 
कहते हैं भारतीय तिरंगा झंडा में हरा रंग हरि सिंह पर
न्योछावर उनकी आन देश की हरि हरियाली पहचान पर 
हरि सिंह उप्पल खत्री गुजरांवाला में जन्मे कहलाए गुर्जर
रणजीत सिंह ने कोहिनूर वापस पाए नलवा के दम पर! 
 
महाराजा रणजीत सिंह के सर्वोच्च कमाँडर हरि सिंह थे
अफ़ग़ानों के काल हरिसिंह ने सिख सत्ता किए बहाल थे 
रणजीत सिंह के सभी युद्ध अभियान विजेता नलवा थे
पठानों को पहनाए सलवार पहनावा नलवा के जलवा ने! 

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