लाल बहादुर धन्य है

15-10-2025

लाल बहादुर धन्य है

डॉ. सत्यवान सौरभ (अंक: 286, अक्टूबर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

जन्मदिवस पर लाल के, सुनें एक फ़रियाद। 
सौरभ सदा बहादुर की, सीखों को रख याद॥
 
करो-मरो की गूँज से, गूँजा हिन्दुस्तान। 
सैनिक औ किसान बढ़े, बनी शक्ति पहचान॥
 
लाल बहादुर ने करी, देश हितों की आस। 
मगर कपटियों को कभी, आई ना वो रास॥
 
फ़र्ज़ निभाते थे सदा, दीन-दुखी-हितकार। 
लाल बहादुर थे यहाँ, सच्चे पहरेदार॥
 
छलकी आज किसान के, अंतर्मन की पीर। 
लाल बहादुर के बिना, सौरभ आज अधीर॥
 
लाल बहादुर धन्य है, नमन तुम्हें सौ बार। 
सत्ता से पहले किया, जन्म भूमि से प्यार॥
 
भारत माता पूछती, आज कहाँ है लाल। 
कृषक बिना बहादुर के, चिंतित है बेहाल॥
 
भारत का अभिमान वह, आन-बान-सम्मान। 
लाल बहादुर से ही है, आज देश की शान॥

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
दोहे
हास्य-व्यंग्य कविता
लघुकथा
कहानी
ललित निबन्ध
साहित्यिक आलेख
सामाजिक आलेख
ऐतिहासिक
सांस्कृतिक आलेख
किशोर साहित्य कविता
काम की बात
पर्यटन
चिन्तन
स्वास्थ्य
सिनेमा चर्चा
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में

लेखक की पुस्तकें