उधारी लाल मुस्काते हैं 

01-11-2025

उधारी लाल मुस्काते हैं 

महेश कुमार केशरी  (अंक: 287, नवम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

उधारी लाल मुस्काते हैं, 
बैंकों को चूना लगाते हैं। 
 
जिससे तिससे क़र्ज़ा लेकर 
लोगों को बरगलाते हैं 
 
क़र्ज़ा लेने वालों से पहले 
वो हँस-हँस के बतियाते हैं 
 
तगादा करने पर वो 
उनको आँखें दिखलाते हैं
 
उनके मुँह में पान है 
उधारी देने वाले हलकान है

बैंक के रिकवरी एजेंट को 
बार बार दौड़ाते हैं 
 
उधारी लाल तर मालपूए 
हमेशा उड़ाते हैं और फिर 
मंद-मंद मुस्काते हैं
 
वो हरदम इस तरह से 
खिलखिलाते हैं 
इससे दूसरे लोग 
टेंशन में आ जाते हैं
 
आज तक उधारी लाल की ख़ुशी का राज़ 
लोग जान नहीं पाये हैं 
 
उधारी लाल से जब पूछते हैं 
उनके ख़ुश रहने का राज़
 
तो उधारी लाल “ये सिक्रेट है” 
ऐसा कहकर मुस्काते हैं॥

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