हवा
महेश कुमार केशरी
हवा बल प्रदान
करती है,
भरती है जज़्बा
फ़सलों में
कि सीधा तन कर
खड़ा रहो . . .
और, मर-मुसीबत में
साथ दो आदमी का!
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