अप्रैल भाई आप जेब कतरे हो 

01-06-2025

अप्रैल भाई आप जेब कतरे हो 

महेश कुमार केशरी  (अंक: 278, जून प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

अप्रैल आया नहीं कि काम याद आ जाता है। ये कामकाज़ी महीना है। इसमें बाबुओं के काम करने की रफ़्तार बढ़ जाती है। जो बाबू सालों भर कछुए की माफिक रेंगते रहते हैं अचानक से उनकी रफ़्तार घोड़े की तरह अप्रैल माह में बढ़ जाती है। वो गदहे से यकायक घोड़े में तब्दील हो जाते हैं। जिस तरह शादी-शुदा पुरुष को नयी या पुरानी प्रेमिका के फोन काॅल्स परेशान करते हैं या उन गुप्त काॅलों का पत्नी को कहीं पता ना चल जाये, इस तरह का डर सताते रहता है। और अप्रैल का महीना भी बाबुओं की परेशानी को कुछ-कुछ उसी से तरह बढ़ाता रहता है। 

जिनको साल के बाक़ी ग्यारह महीने अप्रैल याद नहीं आता है। अप्रैल आया नहीं कि उनकी नींद हराम हो जाती है। नया वित्तीय वर्ष नयी-नयी मुसीबतें लेकर आता है। 

मोटे-ताज़े लोगों के लिये अप्रैल पुराने गठिया या वात के दर्द की तरह आ जाता है। मोटे-ताज़े लोगों को गर्मी भी पतले लोगों की तुलना में अधिक लगती है। इसलिए मोटे-ताज़े लोगों के लिए अप्रैल बहुत कष्टदायी महीना होता है। लेकिन जहाँ पँखा-कूलर वालों के चेहरे अक्तूबर-से-फरवरी के बीच लटके नज़र आते हैं। 

वहीं अप्रैल का महीना आते ही उनके चेहरे की मलिनता को झाड़-पोंछकर हरा-भरा कर देता है। उनके बुझे हुए चेहरे अचानक से चमकने लगते हैं। 

अप्रैल का नाम यूँ ही नहीं अप्रैल पड़ा है। बल्कि सचमुच में अप्रैल महीना लोगों के पसीने छुड़ा देता है। अप्रैल का महीना सुबह के आठ-नौ बजे से ही लू ओर लपटों से आपका स्वागत करता है। आप ऋतिक रौशन की तरह घर से ऑफ़िस के लिए निकलते हैं और ऑफ़िस से जब घर पहुँचते हैं तो आपका चेहरा सदाशिव अमरापुरकर की तरह हो जाता है। आपको अप्रैल में काम कि कमी नहीं है। अगर अप्रैल महीने को जेबकतरा महीना कहा जाये। तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। 

आपकी जेब अप्रैल में ही स्कूल, काॅपी-किताब, एडमिशन-री-एडमिशन का अतिरिक्त बोझ उठाती है। 

आपके सारे पैसे इन्कम टैक्स में कट जाते हैं। वैसे तो सबसे छोटा महीना फरवरी का होता है। लेकिन नौकरी पेशा लोगों के लिए अप्रैल महीना सबसे छोटा महीना होता है। 

इस पूरे महीने में काम करने के बाद भी सैलरी सप्ताह भर की मिलती है। इस तरह से भी अगर देखा जाये तो नौकरी पेशा लोगों का सबसे छोटा और कष्टप्रद महीना अप्रैल ही होता है। और इसी अप्रैल में सरकारी आदमी जो सबको अपने सरकारी होने का धौंस जमाता फिरता है। उसको ये अप्रैल का महीना पूरी तरह से और बहुत अच्छे से अप्रैल फूल बना देता है! 

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