राजीव कुमार – 036

15-07-2024

राजीव कुमार – 036

राजीव कुमार (अंक: 257, जुलाई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

1.
नदी नहर
जल का संसाधन
कृषि साधन।
 
2.
दुआ व दवा
बिमारी विनाशक
रोग नाशक।
 
3.
सारे इन्तज़ाम
दवा भी बेअसर
दुआ असर।
 
4. 
पता न चला
जीता रहा अधूरा
बूढ़ा हो गया।
 
5. 
आस का पक्षी
दुविधा से संबंध
पिंजड़ाबंद।
 
6. 
देता गवाही
दिल जब ख़ुद की
ख़त्म चालाकी।
 
7. 
वक़्त रहते
होश में जो आते
ख़ुशी मनाते।
 
8.
ख़ूब था चाहा
बेवुक़ूफ़ बनाया
उसने कहा।
 
9. 
आँकड़े झूठे
कई लोग थे रूठे
झूठा विजयी।
 
10. 
सागर जाने
गहराई, तैराक
ख़ुद हौसला।
 
11. 
ऊँचा फलक
दूर कब तलक
छूना ललक। 
 
12.
चूर घमंड
तोड़ता शिलाखंड
जल प्रचंड। 
 
13.
दिलासा झूठा
क़ाबिल न समझा
मुझसे रूठा। 
 
14.
काम बनता
जब कोई ठानता
रब सुनता। 
 
15.
झूठी ख़बर
अफ़वाहों का धंधा
कभी न मंदा। 

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