राजीव कुमार – 008

15-06-2022

राजीव कुमार – 008

राजीव कुमार (अंक: 207, जून द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

1.
नभ की आँखें
हुई है कजरारी
बारिश भारी 

2.
सिसक रही
प्रकृति नश्वर
मानव पर

3.
मन विजेता
सबसे जीता, हराये
कशमकश

4.
समय पंछी
उड़ते ही बिसरा
लौटा न डाल

5.
मौसम दोषी
किसान आत्महत्या
या सरकार? 

6.
जीवन झील
खारा जल संचित
सुख वंचित

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