राजीव कुमार – 014
राजीव कुमार1.
पद ग्रहण
समर्पण, लाभक
धन अर्जन।
2.
पर्दा था उठा
पर्दा था कमज़ोर
बरी है चोर।
3.
सोच तूफ़ानी
आपकी परेशानी
मंंज़िल तय।
4.
गिरहकट
जमा पूँजी आपकी
जाने बाप की।
5.
रंग रोगन
तन पे है फैला
मन है मैला।
6.
विद्रोही स्वर
बनेगा जो मापदंड
हिले भूखंड।
7.
मन पतंगा
हारा जीवन जंग
कटी पतंग।
8.
पेड़ों के पेड़
मानव आक्रमण
हो जाते ढेर।
9.
गाँव का पैदा
महानगर खाया
जीवन सौदा।
10.
काल का ग्रास
सब इसके दास
जैसा भी वास।
11.
चोहद्दी सारी
हिफ़ाज़त से दूर
घर का भेदी।
0 टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
- कहानी
- कविता-ताँका
- कविता - हाइकु
-
- पुस्तक: हाइकु
- राजीव कुमार – 001
- राजीव कुमार – 002
- राजीव कुमार – 003
- राजीव कुमार – 004
- राजीव कुमार – 005
- राजीव कुमार – 006
- राजीव कुमार – 007
- राजीव कुमार – 008
- राजीव कुमार – 009
- राजीव कुमार – 010
- राजीव कुमार – 011
- राजीव कुमार – 012
- राजीव कुमार – 013
- राजीव कुमार – 014
- राजीव कुमार – 015
- राजीव कुमार – 016
- राजीव कुमार – 017
- राजीव कुमार – 018
- राजीव कुमार – 019
- राजीव कुमार – 020
- राजीव कुमार – 021
- राजीव कुमार – 022
- राजीव कुमार – 023
- राजीव कुमार – 024
- राजीव कुमार – 025
- राजीव कुमार – 026
- राजीव कुमार – 027
- राजीव कुमार – 028
- राजीव कुमार – 029
- राजीव कुमार – 030
- राजीव कुमार – 031
- राजीव कुमार – होली
- लघुकथा
-
- अन्नदाता
- आत्मा की शांति
- आधार स्तम्भ
- आपसी भाईचारा
- ऊँचाई और गहराई
- ऑफ़िशियल विज़िट
- कम्बल
- कुत्ता
- गंदी लड़की
- गहराई और तन्हाई
- चिराग – चिरागिन
- जीवनदान
- जुनून
- देवी
- पारी
- प्रकृति और विकास
- प्रमाण पत्र
- प्रेम प्यासा
- प्रेम भँवर
- बाग़ी
- भाई का हिस्सा
- भावना
- मलवा
- मेला
- लहरें
- वर्चस्व
- वस्त्रदान समारोह
- विवाह संबंध
- संकल्प या विकल्प
- सपने और खिलौने
- समझौता
- साड़ी
- स्थान
- सांस्कृतिक कथा
- कविता
- विडियो
-
- ऑडियो
-