राजीव कुमार – 017

01-02-2023

राजीव कुमार – 017

राजीव कुमार (अंक: 222, फरवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

1. 
हवा विरुद्ध 
मंज़िल तक जाती 
नाव इच्छित। 
 
2.
ख़स्ता हाल 
मौसम का मिज़ाज 
दिल नाराज़। 
 
3.
किया न ग़ौर 
पथिक पथ जाते 
मिला न ठौर। 
 
4.
किसको बोनी 
होनी या अनहोनी 
उग ही लिनी। 
 
5.
सुख व दुःख 
जीवन का पलड़ा 
दोनों तगड़ा। 
 
6.
ख़िज़ाँ बहार 
दिल का है गुब्बार 
सिमटे फैले। 
 
7.
ग़ैरों से बना 
कारवां, लूट लिया 
अपनों ने ही। 
 
8.
संग न चला 
समय के साथ हो 
पीछे ही रहा। 
 
9.
भाग्य सितारा 
उम्मीद की चाँदनी 
चमक बाक़ी। 
 
10.
नील गगन 
बादलों के पहाड़ 
जल की धार। 
 
11.
दरो दीवार 
कर रहा एहसास 
कोई न पास। 

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