राजीव कुमार – 020

15-04-2023

राजीव कुमार – 020

राजीव कुमार (अंक: 227, अप्रैल द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

1.
दिल का हाल
आँखों में आँखें डाल
पूछ सवाल। 
 
2.
वादे का सच
एक तरफ़ा होकर
होता अपच। 
 
3.
किनारा तो है
मझधार से दूर
जाना ज़रूर। 
 
4.
छू लेता है
कौन ये मुझको
दूर होकर। 
 
5.
किनारा ढूँढ़ो
पहले भँवर में
सहारा ढूँढ़ो। 
 
6.
अमली जामा
कुर्ता व पायजामा
नेता की टोपी। 
 
7.
प्रेम पीपासा
कभी भी नहीं मृत
प्रेम अमृत। 
 
8.
दिल थे मिले
फिर क्यों फ़ासला
कैसा फ़ैसला। 
 
9.
आसाँ भी नहीं
मुश्किल भी नहीं
राह तो चल। 
 
10.
राही अकेला
ख़ुद पे मेहरबाँ
बनाए कारवाँ। 
 
11.
कारवाँ नहीं
हौसला है ऐसी शय
मंज़िल तय। 
 
12.
हार न माने
ढेर सारे बहाने
झुकाना चाहे। 

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