राजीव कुमार – 030

15-03-2024

राजीव कुमार – 030

राजीव कुमार (अंक: 249, मार्च द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

1.
प्रेम प्रकाश
प्रेम की आराधना
मन आकाश। 
 
2.
उमड़ा प्रेम
जागी तेरी ललक
दूर तलक। 
 
3.
सारा आकाश
लगेगा इक्का-दुक्का
उछालो सिक्का। 
 
4.
संघर्ष स्तर
तोड़े प्लास्टर
लक्ष्य खिंचा आए। 
 
5.
चल एक धारा
चमकेगा सितारा
रस्ते न बंद। 
 
6.
तू चला चल
नसीब की ना देख
कर्म हो नेक। 
 
7.
निखरे तब
कामयाबी का रंग
ख़ुद से जंग। 
 
8.
पलटवार
लाठी बिन आवाज़
नसीब मार। 
 
9.
ख़्याल ना रहे
मुकम्मल तलक
तामील भी हो। 
 
10.
फँसा ही डाला
ख़ुद का बुना जाला
कश्मकश। 
 
11.
भाग्य लकीर
राजा-रंक-फ़क़ीर
ना हो अधीर। 

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