राजीव कुमार – 011
राजीव कुमार1.
बहती नदी
जीवन सम्भावना
जहाँ भी गई।
2.
पहले जागी
पुत्र चिंतातुर माँ
बाद में सोयी।
3.
रहता नहीं
जीवन में अँधेरा
जीवन सारा।
4.
अंज़ाम न दे
ज़िन्दगी भर अर्श
आग़ाज़ तय।
5.
कहाँ ठहरा
सदा कोहरा, सूर्य
जब क्रोधित।
6.
जीवन जीना
हँसना और रोना
खोना व पाना।
7.
किसको बोनी
होनी या अनहोनी
उग ही लीनी।
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