राजीव कुमार – 004

01-02-2022

राजीव कुमार – 004

राजीव कुमार (अंक: 198, फरवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

1.
देश की मिट्टी
किसानों का पसीना
बनी उर्वर। 

2.
माटी देश की
देशभक्तों के रक्त
फैली सुगंध। 

3. 
देश हमारा
समपर्ण की गाथा
सदा सुनाता। 

4. 
आन पे बनी
वतन की आबरू
तो देश खौला। 

5. 
देश को आँच
थोड़ी सी भी खरोंच
न आने देंगे। 

6. 
ख़ून में जोश
जिगर में तूफ़ान
देश की शान। 

7. 
परमवीर
देश के नौजवान
करमवीर। 

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