राजीव कुमार – 005

01-02-2022

राजीव कुमार – 005

राजीव कुमार (अंक: 198, फरवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

1.
रंगरसिया
किसी और के रंग
रँग न जाना। 

2.
सजती रहें
आपकी महफ़िलें
हम बेगाने। 

3. 
दिल के दीये
तेरी यादों में जले
बग़ैर धुआँ। 

4. 
छुपते नहीं
बंद पलकों में भी
आँसू अंगारा। 

5. 
टूटी बिखरी
आस की कड़ियाँ भी
जुड़ जाती हैं। 

6. 
सपने टूटे
बीच भँवर में तो
छोड़ न जाना। 

7. 
ढलती शाम
उनकी यादें तमाम
हाथ में जाम। 

8. 
मिला मुझको
कारवाँ न मंज़िल
बस चला हूँ। 

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