राजीव कुमार – 022

01-07-2023

राजीव कुमार – 022

राजीव कुमार (अंक: 232, जुलाई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)


1.
सुखसागर 
माता पिता का प्यार 
गोता हज़ार।
2.
प्रेम दरिया 
माता पिता ज़रिया 
लहर बाक़ी।
3.
तेरा है संग 
क्यों न हो उमंग 
 प्रेम का रंग।
4.
प्रेम का रंग 
गाढ़ा व चटकीला 
मन की लीला। 
5.
लोहा है गर्म 
गलती न दोहरा 
मार हथौड़ा।
6.
आवश्यक 
प्राप्ति न यकायक 
जगा ललक।
7.
मंज़िल तक 
काम करे कसक 
ज़िंदा तू रख।
8.
न इनायत 
न मिली मोहलत 
फूटी क़िस्मत। 
9.
धरा पे फैली 
दूधिया सी चाँदनी 
हुस्न ज़रिया।
10.
दर्द निकला 
मन नगर ख़ाली 
बजाओ ताली।
11.
झूमा सावन 
बुझी न अगन 
तसल्ली दे गया।

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