राजीव कुमार – 007

15-05-2022

राजीव कुमार – 007

राजीव कुमार (अंक: 205, मई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)


1.
प्रभु दयाल 
भँवर से निकाल 
गहरा जाल। 
2. 
रेत ही रेत 
मन का बियाबान 
बंजर खेत। 
3.
दूर का ढोल 
सुहावन भावन 
खुले न पोल। 
4.
साँझ ढलते 
कई दिप जलते 
नभ के गोद। 
5.
भारी पलड़ा 
समय का पड़ा तो 
रोना दुखड़ा। 

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