राजीव कुमार – 015

01-01-2023

राजीव कुमार – 015

राजीव कुमार (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

1.
वक़्त सवाल 
आदमी है खिलौना 
वक़्त जवाब। 
 
2.
लोग थे ऊबे 
झमाझम बारिश 
खेत हैं डूबे। 
 
3.
तैरती रही 
उफनती लहरें 
शांत जल पे। 
 
4.
कोरा काग़ज़ 
प्रियतम की आस 
रख धीरज। 
 
5.
जहान मेला 
घूमकर, अकेला 
चले जाना है। 
 
6.
दुःख का आँसू 
पिघलाता, जलाता 
ख़ुशी के आँसू। 
 
7.
प्रेम तपस्या 
बंधन के तलक 
रही समस्या। 
 
8.
यादें दरिया 
मन का धरातल 
सूखने न दे। 
 
9.
देख मुखौटा 
असली चेहरे का 
आईना रूठा। 
 
10.
कैसा त्यौहार 
एक से हो गए हैं 
ख़िज़ाँ बहार। 
 
11.
नभ का काम 
गिराना व उठाना 
संचित जल। 

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