राजीव कुमार – 028
राजीव कुमार
1.
हल्की सी लगे
गुनाहों की गठरी
बोझ है भारी।
2.
नरसंहार
भाईचारे पे वार
धर्म की आड़।
3.
रौशन हुआ
दिल का कोना कोना
उम्मीद सोना।
4.
बड़ी कशिश
ज़िद और कोशिश
उठा दे शीष।
5.
यादें रोज़ाना
दबे पाँव है आती
शोर मचाती।
6.
नभ पे दिखा
बादल का पहरा
ख़ुश है धरा।
7.
मताधिकार
देशवासी आशय
मत नकार।
8.
ओ मेघ राजा
अब न तरसाओ
बरस जाओ।
9.
जीते फ़ासले
जीते जी न मिले
मर के मिले।
10.
हौसला ठाने
ज़लज़ला न माने
धुनी दीवाने।
11.
तोड़ा न भ्रम
पर्दा भी न उठाया
खेलते रहे।
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