राजीव कुमार – 021

15-05-2023

राजीव कुमार – 021

राजीव कुमार (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

1. 
यादों का पक्षी
कब ठहरता है
किसी एक शाख़। 
 
2. 
झुमका झूमे
नवयौवना खिले
गालों को चूमे। 
 
3. 
ये अनदेखी
बलम परदेशी
जान ले लेगी। 
 
4. 
प्रेम रिवाज़
पंख व परवाज़
आन न करे। 
 
5.
शान शौकत 
ज़मींदोज़ फ़क़त
वक़्त बे वक़्त। 
 
6. 
गाँव का कुआँ
बुज़ुर्गों की निशानी
ख़त्म कहानी। 
 
7. 
जुड़ जो गया
नदी से गंदा नाला
कचड़ा डाला। 
 
8. 
शाम को लौटा
झूल ग़लत झूला
सुबह भूला। 
 
9. 
सेवा ही धर्म
मानव जो समझे
मानव मर्म। 
 
10. 
गाँव रौनक़
शहर चकमक 
निगल गई। 
 
11. 
वाट जोहता
सजा के आबोदाना
चुग ले दाना। 
 
12. 
दिन है ख़ास
चली पिया के पास
सब उदास। 
 
13. 
मन का फेरा
क्या साँझ सवेरा
यादों का घेरा। 
 
14. 
फाँस लेता है
ख़ुद का बुना जाला
ख़ुद ने पाला। 
 
15. 
आँसू बहा ले
पर हार न मान
अरे नादान। 

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