देवी

राजीव कुमार (अंक: 232, जुलाई प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

अथक प्रयास से प्राप्त सफलता के उपरांत, सरस्वती माँ की असीम कृपा और लक्ष्मी माँ की अगाध कृपा पाकर कौशल अति प्रसन्न था। 

मन्नत को पूरा करने के लिए जाने के क्रम में अनहोनी ने सुरसा की भाँति अपना मुँह खोल दिया। साइकिल सवार लहूलूहान सड़क पर पड़ा हुआ था। 

कौशल की प्रार्थना, ‘हे माँ मेरी सहायता कीजिए।’ पर त्वरित कार्यवाही न होने के कारण बात न्यायालय तक पहुँची। 

ज्ञान के अलंकार और मुद्रा की खनक के साथ दोनों देवियों के प्रकट होने के साथ ही कौशल आश्वस्त तो हुआ मगर दोनों माँओं का प्रयास असफल साबित हुआ। दोनों देवियों को संज्ञान हो गया कि क़ानून की देवी की आँख और कान पर पट्टी बँधी हुई है और दोनों ज्ञानेन्दियों को शून्य कर रखा है। 

धन की देवी और ज्ञान की देवी के नतमस्तक होने के साथ ही कौशल क़ानून की देवी की शरण में चला गया। 

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