राजीव कुमार – 025

01-10-2023

राजीव कुमार – 025

राजीव कुमार (अंक: 238, अक्टूबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

1.
इरादे जवां 
भले न हो कारवां 
चलना तन्हा 

2.
साथ न देगा 
ज़माना ये शायद 
ख़ुद मदद। 
3.
अंदाज़ ख़ास 
क़दमों में लाता है 
सारा आकाश। 
4.
महँगी हुई 
शराब, थोड़ी सी पी 
आदी हो गया। 
5.
दिल पे छोड़े 
ख़तागार नज़र 
दिल को जोड़े। 
6.
भटका किया 
दिल दर बदर 
मिला न घर। 
7.
क़सम चीज़ 
कोई भी हो नाचीज़ 
सुधर जाता। 
8.
धुन के पक्के 
इरादों के अटल 
राहों के छक्के। 
9.
आँखों का जादू 
छलावा था शामिल 
क्या करे दिल। 
10.
किस निगाह 
दिखे अपनापन 
पैसा जीवन। 
11.
 बड़ा जशन 
मच्छरों का कोरस 
ख़ून का रस। 
12.
दूध का धुला 
कहीं न मिला, मिला 
नक़ाबपोश। 

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