राजीव कुमार – 024

01-09-2023

राजीव कुमार – 024

राजीव कुमार (अंक: 236, सितम्बर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

1.
देश की सेना
सुरक्षित जीवन
सुरक्षा प्रण।
2. 
देश के लाल
धराशायी विकराल
किया कमाल।
3. 
टिक सके जो
किसकी थी मजाल
देश के लाल।
4. 
गाँव शहर
संघर्ष थी प्रखर
भगा ही दिया।
5. 
बंदी जीवन
असाध्य, निवारण
किया था प्रण।
6. 
राखी की डोर
भले ही कमज़ोर
भाव अटूट।
7. 
सुनी कलाई
क्यों, बाँध दूँ राखी
ले मेरे भाई।

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