हीरा पत्थर इक जैसा है 

15-03-2025

हीरा पत्थर इक जैसा है 

डॉ. शोभा श्रीवास्तव (अंक: 273, मार्च द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

 सब कुछ अंदर इक जैसा है। 
 भीतर-बाहर इक जैसा है। 
 
 हम हैं रमता जोगी हमको, 
 हीरा-पत्थर इक जैसा है। 
 
 देखें, जाए कौन शिखर पर, 
 सबको अवसर इक जैसा है। 
 
 मोती कोई-कोई पाता, 
 वरना सागर इक जैसा है। 
 
 ‘शोभा’ किससे पाँव ढँकें हम, 
 हर इक चादर इक जैसा है। 

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