क़ुसूर 

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 212, सितम्बर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

बाप चार केले लेकर आया, और उसने चारों केले बेटे को पकड़ा दिए। माँ के साथ खेत में काम करके आयी थकी-हारी बेटियाँ ललचायी निगाहों से केले खा रहे भाई को देख रही थी, फिर छोटे वाली हिम्मत करके बोली, “माँ! हमेंं भी एक केला दे दो।” 

फिर माँ ने लड़के के पास से एक केला लेकर, उसके तीन टुकड़े करके तीनों को एक-एक टुकड़ा पकड़ा दिया। 

फिर बड़ी बेटी बोली, “भैया को तीन केले और हम तीनों को एक . . . हमारा क्या क़ुसूर है?” 

“तुम छोकरियाँ हो, यही तुम्हारा क़ुसूर हैं,” माँ ग़ुस्से से उन्हें आँखें दिखाते हुए बोली। 

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