लुट गयी मेरी दुनिया मैं रोया नहीं

15-10-2023

लुट गयी मेरी दुनिया मैं रोया नहीं

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 239, अक्टूबर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

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लुट गयी मेरी दुनिया मैं रोया नहीं 
सो गयी मेरी क़िस्मत मैं सोया नहीं। 
  
रातभर रोती रही शबनम कभी मैंने तो 
अश्कों से कोई दामन भिगोया नहीं। 
  
मेरे दामन के दाग़ों को तो देख लो 
मैंने अब तक कोई पाप धोया नहीं। 
  
टूटे तारों की जो तूने माला बुनी 
मुझको उस हार में क्यों पिरोया नहीं। 
  
मैंने ज़ब दुनिया के दर्द को जाना तो 
फिर लगा मैंने कुछ ख़ास खोया नहीं। 

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