मैं कभी साथ तेरा निभा ना सका 

15-11-2022

मैं कभी साथ तेरा निभा ना सका 

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 217, नवम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

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मैं कभी साथ तेरा निभा ना सका 
दूर कुछ भी ना था पास आ ना सका 
 
ग़ैरों के पीछे फिरता रहा हर घड़ी 
ग़म है जो मैं तुम्हें आज़मा ना सका 
 
टूटा जो मेरे दिल का सितारा वो क्यों 
मेरी नज़रों में बिल्कुल आ ना सका 
 
ग़लती मेरी थी उसकी थी या किसकी थी 
बात यह कोई मुझको समझा ना सका 
 
मेरी नज़रों के सामने जो बुझ गयी 
ज़िन्दगी की शमा मैं जला ना सका

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