केले का छिलका

01-02-2022

केले का छिलका

सुनील कुमार शर्मा  (अंक: 198, फरवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

चलते हुए अचानक उसका पैर एक केले के छिलके पर पड़ा; और वह फिसलकर औंधे मुँह गिरा। बड़ी मुश्किल से उठते हुए, उसने झेंपकर इधर-उधर देखा, कोई देख तो नहीं रहा। जब उसे तसल्ली हो गयी आस-पास कोई नहीं है। तो उसने उस केले के छिलके को पैरों से सरकाकर और आगे बिल्कुल रास्ते के ऊपर कर दिया। और चुपचाप लँगड़ाते हुए आगे बढ़ गया। 
 सुनील कुमार शर्मा

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